Friday, March 23, 2018

 सियावर रामचन्द्र की जय
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सत्यनारायण के चक्कर में,
दुनिया ऐसे जकड़ गई है।
जैसे ताल तलैया तीरे,
कसकर काई पकड़ गई है।
लीला-कलावती की चक्की,
मानुष बन गया पंजीरी।
बोलो सियावर रामचन्द्र की जय।

सत्यनारायण कथा सुने जो,
पाप कलुष सब धुल जाते हैं।
धन दौलत , दुनिया के सब सुख,
अपने आप बरस जाते हैं।
भाग्य और भव से सम्मोहित,
कोई करे न काम।
जीवन बीता आश लगाये,
कि भेजेगा भगवान्।
बोलो सियावर रामचन्द्र की जय।

जग माया है, धन माया है,
घर माया, घरवाली माया।
मन्दिर और कमंडल कहकर,
अकर्मण्यता का पाठ पढ़ाया।
दिखा सभी को मायादर्पण,
ठगुये माल बटोर ले गए।
बोलो सियावर रामचन्द्र की जय।

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